~~चाँद ..सुना जरा ~~
चांदनी ने चाँद से,
एक दिन कह दिया
किस बात का गुमान है,
तुमको
क्यूं नाज करते हो,
हिम्मत हो तो ,
अकेले आ जाना
कुछ दिखा जाना,
दुनिया के सामने
अपना प्रकाश फैला जाना
चाँद ने कहाँ,
नहीं गुमान करता में
जैसे प्रेमी और प्रेम करने वाले
बराबर हैं न,
बस तू वो ही है
मेरे लिए
अजीत कुमार तलवार
मेरठ