Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2017 · 1 min read

चाँद मेरी छत पर आया

जब वो छत पर है आया
ये चाँद भी देख सरमाया
कभी छुपा कभी दिखा
तो कभी उसे रोना आया
जब वो छत पर आया
तो दिल को सुकून आया
उस चंद लब्जो में ही
फूलों को हे बरसाया
वो मेरा चाँद छत पर आया
न मैं कुछ बोला न उसने सुनाया
फिर जाने ये दिल किसने धड़काया
उसकी यादों का ये हिस्सा
मेरी ज़िंदगी मे आया
जब उसने छुआ मुझको
तो जाने क्यों नशा छाया आया
मदहोशी ने मुझे सताया
जब उसका हाथ मेरे हाथों में आया
स्वर्ग से भी ज्यादा सुकून आया
जब उसने मुझे गले से लगाया
मैंने कहाँ तू मुझे देख क्यूँ सरमाया
तुझे देखकर तो ये चाँद भी लजाया
कुदरत का दूसरा चाँद मेरी छत पर आया
जब रुख से उसने नकाब हटाया
मेरी सासो को उबाल आया
जब उसने मुझे दिल से लगाया

Language: Hindi
1 Like · 551 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फर्क नही पड़ता है
फर्क नही पड़ता है
ruby kumari
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आलोचना
आलोचना
Shekhar Chandra Mitra
छोड़ गया था ना तू, तो अब क्यू आया है
छोड़ गया था ना तू, तो अब क्यू आया है
Kumar lalit
* सुन्दर फूल *
* सुन्दर फूल *
surenderpal vaidya
ख़ुद को यूं ही
ख़ुद को यूं ही
Dr fauzia Naseem shad
Unlocking the Potential of the LK99 Superconductor: Investigating its Zero Resistance and Breakthrough Application Advantages
Unlocking the Potential of the LK99 Superconductor: Investigating its Zero Resistance and Breakthrough Application Advantages
Shyam Sundar Subramanian
किसी के टुकड़े पर पलने से अच्छा है खुद की ठोकरें खाईं जाए।
किसी के टुकड़े पर पलने से अच्छा है खुद की ठोकरें खाईं जाए।
Rj Anand Prajapati
usne kuchh is tarah tarif ki meri.....ki mujhe uski tarif pa
usne kuchh is tarah tarif ki meri.....ki mujhe uski tarif pa
Rakesh Singh
धीरे धीरे बदल रहा
धीरे धीरे बदल रहा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आदमी की गाथा
आदमी की गाथा
कृष्ण मलिक अम्बाला
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
खुश्क आँखों पे क्यूँ यकीं होता नहीं
sushil sarna
यही सच है कि हासिल ज़िंदगी का
यही सच है कि हासिल ज़िंदगी का
Neeraj Naveed
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
कहने का मौका तो दिया था तुने मगर
कहने का मौका तो दिया था तुने मगर
Swami Ganganiya
बारिश पड़ी तो हम भी जान गए,
बारिश पड़ी तो हम भी जान गए,
manjula chauhan
" सुर्ख़ गुलाब "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*राजा राम सिंह चालीसा*
*राजा राम सिंह चालीसा*
Ravi Prakash
दोस्ती
दोस्ती
Surya Barman
When compactibility ends, fight beginns
When compactibility ends, fight beginns
Sakshi Tripathi
*वीरस्य भूषणम् *
*वीरस्य भूषणम् *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
💐Prodigy Love-16💐
💐Prodigy Love-16💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कुछ पल अपने लिए
कुछ पल अपने लिए
Mukesh Kumar Sonkar
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
दिखती है हर दिशा में वो छवि तुम्हारी है
दिखती है हर दिशा में वो छवि तुम्हारी है
Er. Sanjay Shrivastava
जिन्दगी के कुछ लम्हें अनमोल बन जाते हैं,
जिन्दगी के कुछ लम्हें अनमोल बन जाते हैं,
शेखर सिंह
🥀*गुरु चरणों की धूल* 🥀
🥀*गुरु चरणों की धूल* 🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"विक्रम" उतरा चाँद पर
Satish Srijan
"पृथ्वी"
Dr. Kishan tandon kranti
3073.*पूर्णिका*
3073.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...