#चाँद भी फीका लगता
बात मीठी तेरी हँसना खिलता गुलाब है।
चाँद भी फीका लगता निखरा यूँ शबाब है।।
है घटा सावन की बल खाता ये बदन तेरा।
देख नाचे है तुझको बनके मोर मन मेरा।
दिल हुआ है दीवाना तेरा क्या ज़वाब है।
चाँद भी फीका लगता निखरा यूँ शबाब है।।
ये हसीं आँखें तेरी,मस्ती की हैं प्यालियाँ।
दिल चुराती हैं ये गालों की शोख लालियाँ।
तू अगर रानी मेरी बंदा खुद नवाब है।
चाँद भी फीका लगता निखरा यूँ शबाब है।।
तू मिले मुझको ही ये रब से मैं दुवा करूँ।
रात दिन सपना मैं तेरा ही तो देखा करूँ।
प्यार प्रीतम नज़राना होता लाज़वाब है।
चाँद भी फीका लगता निखरा यूँ शबाब है।।
बात मीठी तेरी हँसना खिलता गुलाब है।
चाँद भी फीका लगता निखरा यूँ शबाब है।।
#आर.एस.’प्रीतम’
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