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30 Nov 2021 · 1 min read

चल सोझाँ आ बोल

घेरल इजोत के खोल
चल सोझाँ आ बोल

ई अन्हरिया पसरल सगर
कहरिया भटकै से कहर
दीया जला आस ककर
डूमि रहल केओ अगर
चल सोझाँ आ बोल

मुस्की देता बैरी नगर
पुष्प बिछा छोड़ि जहर
जाहिमे बसै गंद लहर
फेक लिअऽ ओ एम्हर
चल सोझाँ आ बोल

मिठका दिअ वानी सार
ओ सदिखन रहै अमर
झुकि झुमै गाम शहर
चल सोझाँ आ बोल

पवन पछुआ देला पहर
साहे माथ मुकुट प्रखर
नै फास बीच भँवर
चल सोझाँ आ बोल

मौलिक एवं स्वरचित
© श्रीहर्ष आचार्य

Language: Maithili
3 Likes · 2 Comments · 333 Views
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