चल सको तो चलो
प्रेम मीरा सा तुम कर सको चलो
पथ पे दीपक से तुम जल सको चलो
हर दिल में प्रेम पलटा तो है मगर
ख़ोज में उसकी तुम चल सको तो चलो
गले अपनो के तो मिलते है सभी
दुश्मनो से भी तुम मिल सको तो चलो
साथ होंगे सभी साथी कोई नही
इस दौर में तन्हा तुम चल सको तो चलो
प्रज्ञा गोयल ©®