चल ले चल बहारों में।
चल ले चल हमें बहार में उस
जहाँ प्यार के रंग सदा खिलते हो
जहाँ आता जाता कोई न हो
जहां प्यार वाले ही मिलते हो
इस जलती दुनियां से दूर रहें
कोई ऐसी जगह तु मुझे बता
दुनियां वीरान न चाहूं मैं
अपने बाहों में तु मुझे बिठा
दूर दूर तक भटक रही मैं
वैसा स्थान न कहीं मिला
जैसा स्वर्ग मैं चाहती थी
स्वर्ग वैसा तेरे बाहों में मिला
चल ले चल हमें बहार में उस
जहाँ प्यार के रंग सदा खिलते हो
संजय कुमार✍️✍️