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23 Jan 2024 · 1 min read

चल बन्दे…..

आहिस्ता चल बन्दे, वरना फ़िर डगमगाएगा।
सामने देख बन्दे, वरना फ़िर टकराएगा।

संभलकर चल बन्दे, वरना फ़िर लड़खड़ाएगा।
कुछ मत सोच बन्दे, वरना रास्ता भूल जाएगा।

डर मत बन्दे, वरना फ़िर रुक जाएगा।
जो रुक गया तू, तो वक्त आगे निकल जाएगा।

तुझे अच्छा लगेगा क्या, जब तू पिछड़ जाएगा?
तेरा काम है चलना, आख़िर कब क़दम बढ़ाएगा?

अरे बढ़ा तो एक क़दम, वरना वहीं खड़ा रह जाएगा।
सब निकल जाएंगे आगे तुझसे, तू बस सोचता रह जाएगा।

आगे नहीं बढ़ कर, तू कर रहा है गलती।
अरे, क्या पता, जिसे समझ रहा तू समन्दर, हो बस एक छोटी-सी नदी।

यहाँ तक आया है, तो थोड़ा और सही।
अब तू सोच…आगे बढ़ेगा या नहीं!

✍️सृष्टि बंसल

1 Like · 201 Views
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