Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2017 · 1 min read

चल जरा चल जरा

चल जरा चल जरा
रुक जरा देख जरा
घाम होने को आयी
सुखा कंठ जरा

फुरसत मे आ दो घुंट लगा
ठंड छाव मे बैठ जरा
सिश नवा निंद लगा
होश मे आ…
बटोही चल जरा

पूछ जरा बता जरा
राही राह देख
दिखे तो हँस जरा
वरना चल जरा चल जरा

मंडराते बादल सर पे आये
वो दुःख जरा सुख जरा
देख शाम होने को आयी
मंजिल नजर नही आयी…ठहर जरा
तारो का चादर औढ जरा

भौर हो आयी
फिर आवाज आयी
चल जरा चल जरा
घाम जरा वो शाम जरा

रुक जरा चल जरा
जिंदगी का यही जरजरा
मिले तो मंजिल न मिले तो
चल जरा चल जरा ……
…..श.रा.म.

Language: Hindi
1 Like · 285 Views

You may also like these posts

बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
Vindhya Prakash Mishra
कुंडलिनी
कुंडलिनी
Rambali Mishra
संवादरहित मित्रों से जुड़ना मुझे भाता नहीं,
संवादरहित मित्रों से जुड़ना मुझे भाता नहीं,
DrLakshman Jha Parimal
ज़िंदगी इतनी मुश्किल भी नहीं
ज़िंदगी इतनी मुश्किल भी नहीं
Dheerja Sharma
जीवन में संघर्ष
जीवन में संघर्ष
महेश चन्द्र त्रिपाठी
चाल चलें अब मित्र से,
चाल चलें अब मित्र से,
sushil sarna
बलराम विवाह
बलराम विवाह
Rekha Drolia
भूल ना था
भूल ना था
भरत कुमार सोलंकी
ग़म बहुत है दिल में मगर खुलासा नहीं होने देता हूंI
ग़म बहुत है दिल में मगर खुलासा नहीं होने देता हूंI
शिव प्रताप लोधी
खरगोश
खरगोश
विजय कुमार नामदेव
तुम मुझे भूल जाओ यह लाजिमी हैं ।
तुम मुझे भूल जाओ यह लाजिमी हैं ।
Ashwini sharma
उसका होना उजास बन के फैल जाता है
उसका होना उजास बन के फैल जाता है
Shweta Soni
Khám phá J7bet và nhận phần thưởng khủng, chiến thắng ngay hôm nay!
Khám phá J7bet và nhận phần thưởng khủng, chiến thắng ngay hôm nay!
j7bet
कमल खिल चुका है ,
कमल खिल चुका है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
*नववधु ! कभी किसी की झूठी, बातों में तुम मत आना (गीत)*
*नववधु ! कभी किसी की झूठी, बातों में तुम मत आना (गीत)*
Ravi Prakash
करवा चौथ
करवा चौथ
Neeraj Agarwal
घर घर रंग बरसे
घर घर रंग बरसे
Rajesh Tiwari
गुमाँ हैं हमको हम बंदर से इंसाँ बन चुके हैं पर
गुमाँ हैं हमको हम बंदर से इंसाँ बन चुके हैं पर
Johnny Ahmed 'क़ैस'
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
तेरे दिल तक
तेरे दिल तक
Surinder blackpen
स्तंभ बिन संविधान
स्तंभ बिन संविधान
Mahender Singh
मन  के बंद दरवाजे को खोलने के लिए
मन के बंद दरवाजे को खोलने के लिए
Meera Thakur
मगर हे दोस्त-----------------
मगर हे दोस्त-----------------
gurudeenverma198
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सबके सुख में अपना भी सुकून है
सबके सुख में अपना भी सुकून है
Amaro
2576.पूर्णिका
2576.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हे मनुष्य बड़ा लोभी है तू
हे मनुष्य बड़ा लोभी है तू
Vishnu Prasad 'panchotiya'
मेरे जीवन में गुरु का दर्जा ईश्वर के समान है। “गुरु बिन भव न
मेरे जीवन में गुरु का दर्जा ईश्वर के समान है। “गुरु बिन भव न
डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
- गुमनाम महबूबा मेरी गुमनाम है उसका पता -
- गुमनाम महबूबा मेरी गुमनाम है उसका पता -
bharat gehlot
"बिखरता फूल"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...