चलो! कुछ सवाल खुद से पूछ लें …
पूछते हैं सवाल अक्सर अपने देश से अनगिनित ,
चलो आज कुछ सवाल खुद से ही पूछ लें ।
है अपना देश प्रजातंत्र पर आधारित यह माना ,
जनता का,जनता के द्वारा और जनता ही के लिए ,
क्या भूमिका है हमारी इसके निमित्त जान लें ।
हम अपने अधिकारों को तो भली-भांति जानते हैं,
मगर अपने कर्तव्यों से क्यों हो रहे हैं विमुख ।
उसे इलज़ाम लगाने से पूर्व ज़रा खुद को परख लें ।
कोई ना कोई मुद्दा उठाकर हंगामें करते रहते हैं,
कैसे बुद्धिजीवी है समस्याओं का अम्बार लगाते हैं,
कैसी मानसिकता है हमारी ,खुद को ज़रा टटोलें ?
काश ! हम सुशील ,शांति-प्रिये व् सज्जन होते ,
देश की समस्याओं को पहाड़ ना बनने देते,
हम कितने जिम्मेदार नागरिक है ये भी समझ लें।
देश ने हमें एकता की डोर से बांध रखा है ,
हर तरह के अधिकारों /स्वतंत्रताओं से नवाज़ा है,
फिर क्यों अपने स्वार्थ हेतु इनका दुरुपयोग करते है?
देश में शांति ,सोहाद्र व् एकता को बनाये रखना ,
इसे आपदाओं /समस्यायों से इसे मुक्त करना ,
हाँ !और भी कई फर्ज हैं हमारे आज समझ ले।
देश की उन्नति और विकास में योगदान कर,
राष्ट्रिय संपत्ति ,प्राक्रतिक संपदाओं का रक्षण कर ,
चलो ! हम अपना कुछ तो फर्ज अदा कर ले।
मित्रों ! सच्चे देश भक्त तभी हम कहलायेंगे ,
जब उपरोक्त सवाल ईमानदारी से खुद से पूछेंगे ,
आओ हम अपना आत्म-अवलोकन कर लें।
देश से पूछने से पहले की “तूने हमारे लिए क्या किया”,
हमने देश हेतु क्या किया जरा अपने जमीर से पूछ लें।