चलो कुछ यूँ लिखे नवगीत बन जाए
चलो कुछ यूं लिखे नवगीत बनजाए
दुश्मनी मानते है जो हमसे नवप्रीत बनजाए
साथ चलने की एक रीत बनजाए
चलो कोशिश करे कुछ तो सुधरेगे हालात।
नही बनेगा महल तो नव नींव बनजाए
बडी शक्ति है सकारात्मक सोच मे
पूरी न सही आधी ही जीत हो जाए।
मंथन करे मुद्दे को दही सा कि नवनीत बनजाए
चलना है बिना रूकावट नही सही भयभीत बन जाए।
विन्ध्यप्रकाश मिश्र विप्र