चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गाएं
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गाएं
चलो किसी नवजात को मुस्कुराना सिखाएं
आम के बागों में घूमें , डालियों को झूला बनायें
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें
चलो उपवन के पुष्पों से नया रिश्ता बनायें
इस चमन को फूलों की खुशबू से महकाएं
किसी माँ से पूछें उसके शिशु के रूठने की वजह
चलो उस नन्हे शिशु को हंसना सिखाएं
दूर सीमा पर किसी प्रहरी से मिल कर आयें
उसे उसकी प्रेयसी का सन्देश सुनाएँ
भूख से बिलख रही एक नन्ही सी परी
चलो उस नन्ही परी को चुप करा आयें
चलो किसी गिरते को उठना सिखायें
चलो किसी रोते को हंसना सिखायें
चलो किसी देवालय में माथा टेक आयें
चलो किसी भूखे को खाना खिला आयें
दिखता नहीं दिलों में देश प्रेम का जज्बा
चलो लोगों के दिलों में देश प्रेम की भावना जगा आयें
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें
चलो किसी नवजात को मुस्कुराना सिखाएं
आम के बागों में घूमें , डालियों को झूला बनायें
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गाएं ||
*अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम” *