Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2024 · 1 min read

चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों

चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों
न मैं तुम से कोई उम्मीद रखूँ दिल-नवाज़ी की
न तुम मेरी तरफ़ देखो ग़लत-अंदाज़ नज़रों से
न मेरे दिल की धड़कन लड़खड़ाए मेरी बातों से
न ज़ाहिर हो तुम्हारी कश्मकश का राज़ नज़रों से

तुम्हें भी कोई उलझन रोकती है पेश-क़दमी से
मुझे भी लोग कहते हैं कि ये जल्वे पराए हैं
मिरे हमराह भी रुस्वाइयाँ हैं मेरे माज़ी की
तुम्हारे साथ भी गुज़री हुई रातों के साए हैं

तआ’रुफ़ रोग हो जाए तो उस का भूलना बेहतर
त’अल्लुक़ बोझ बन जाए तो उस को तोड़ना अच्छा
वो अफ़्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन
उसे इक ख़ूब-सूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा

चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों

‘साहिर’

44 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
You are the sanctuary of my soul.
You are the sanctuary of my soul.
Manisha Manjari
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
हे राम तुम्हीं कण कण में हो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हाथों से करके पर्दा निगाहों पर
हाथों से करके पर्दा निगाहों पर
gurudeenverma198
Oppressed life
Oppressed life
Shyam Sundar Subramanian
मजबूरन पैसे के खातिर तन यौवन बिकते देखा।
मजबूरन पैसे के खातिर तन यौवन बिकते देखा।
सत्य कुमार प्रेमी
ग़ज़ल _ मैं ग़ज़ल आपकी, क़ाफिया आप हैं ।
ग़ज़ल _ मैं ग़ज़ल आपकी, क़ाफिया आप हैं ।
Neelofar Khan
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
प्यारा-प्यारा है यह पंछी
Suryakant Dwivedi
आसान नही सिर्फ सुनके किसी का किरदार आंकना
आसान नही सिर्फ सुनके किसी का किरदार आंकना
Kumar lalit
गर तहज़ीब हो मिट्टी सी
गर तहज़ीब हो मिट्टी सी
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
हां,अब समझ आया
हां,अब समझ आया
Seema gupta,Alwar
गम खास होते हैं
गम खास होते हैं
ruby kumari
किसने कहा कि हँसते हुए चेहरे हमेशा खुशनुमा रहते हैं
किसने कहा कि हँसते हुए चेहरे हमेशा खुशनुमा रहते हैं
Rekha khichi
इंसान को,
इंसान को,
नेताम आर सी
किस किस्से का जिक्र
किस किस्से का जिक्र
Bodhisatva kastooriya
मम्मी पापा के छांव
मम्मी पापा के छांव
राधेश्याम "रागी"
*तन - मन मगन मीरा जैसे मै नाचूँ*
*तन - मन मगन मीरा जैसे मै नाचूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पाक दामन कौन है यहां ?
पाक दामन कौन है यहां ?
ओनिका सेतिया 'अनु '
गोंडवाना गोटूल
गोंडवाना गोटूल
GOVIND UIKEY
खुली किताब सी लगती हो
खुली किताब सी लगती हो
Jitendra Chhonkar
*अजब है उसकी माया*
*अजब है उसकी माया*
Poonam Matia
کوئی تنقید کر نہیں پاتے ۔
کوئی تنقید کر نہیں پاتے ۔
Dr fauzia Naseem shad
सृजन तेरी कवितायें
सृजन तेरी कवितायें
Satish Srijan
"पायल"
Dr. Kishan tandon kranti
जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना
जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना
VINOD CHAUHAN
मायड़ भौम रो सुख
मायड़ भौम रो सुख
लक्की सिंह चौहान
कुछ लोग प्रेम देते हैं..
कुछ लोग प्रेम देते हैं..
पूर्वार्थ
2886.*पूर्णिका*
2886.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
निराशा से बड़ी है आशा जो
निराशा से बड़ी है आशा जो
Sonam Puneet Dubey
रात बसर हो जाती है यूं ही तेरी यादों में,
रात बसर हो जाती है यूं ही तेरी यादों में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...