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30 Jan 2017 · 1 min read

चले जाते हो….

मुझसे नजरें मिलाकर चले जाते हो,
दिल ये मेरा चुराकर चले जाते हो।।
कहना चाहूँ अगर कुछ भी सुनते नही,
हाथ अपना छुड़ाकर चले जाते हो।।
बात दिल की दबी दिल में ही रह गयी,
होंठ अपना दबाकर चले जाते हो।।
मन करे गर कभी देखने का तुम्हे ,
अपना चेहरा छुपाकर चले जाते हो।।
हक जताकर के दिल पे मेरे जानेजां,
आग दिल में लगाकर चले जातेहो।।
मानो छायी हो अंबर में काली घटा,
काली जुल्फें उड़ाकर चले जाते हो।।
पल में संदीप मर जाता है देखकर
जब भी पलकें गिराकर चले जाते हो।।
संदीप यादव(Zo Zo)
आजमगढ

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