चले आओ
फिर फहफिल सजाए चले आओ,
किसी से दिल लगाये चले आओ,
नफरतो में डूबा है जमाना,
हम मोहब्बत फैलाये चले आओ,
तुम अदा से नज़रें झुकना,
हम ग़ज़ल सुनाए चले आओ,
फिर तमन्नाओं के तूफान उठेंगे,
ज़ुल्फो को लहराने चले आओ,
तेरे कांच से बदन को छूना है,
करके कोई बहाना मिलने चले आओ,
सुना है दहकता है शोलो सा साहिब,
बनके शबनम चले आओ,