Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jul 2021 · 1 min read

चलेंगे एक राह पर मिलेंगी मंजिलें कभी।

गज़ल
काफ़िया- एं
रद़ीफ-
मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन
1212 1212 1212 1212
भले ही हों मुसीबतें कि हम नहीं डिगें कभी।
चलेंगे एक राह पर मिलेंगी मंजिलें कभी।

कमा के अपना खायेंगे जियेंगे शान से सदा।
कभी किसी को जिंदगी में हम नहीं छलें कभी।

तुम्हारे इंतज़ार में खड़े रहेंगे हम उम्र भर,
तुम्हें न छोड़कर चले न छोड़ कर चलें कभी।

वही है राह सत्य की जो बापू ने दिखाई है,
चले उसी पे शान से चलें न दूर हम हटें कभी।

अहिंसा प्रेम सत्य का ही मार्ग एक है उचित,
कि बन के प्रेमी देश के बिना रुके चले सभी।

……..✍️ प्रेमी

191 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सत्य कुमार प्रेमी
View all

You may also like these posts

आओ बैठें कुछ बात करें
आओ बैठें कुछ बात करें
Meera Thakur
मनोभाव
मनोभाव
goutam shaw
हमारी दुआ है , आगामी नववर्ष में आपके लिए ..
हमारी दुआ है , आगामी नववर्ष में आपके लिए ..
Vivek Mishra
व्योम को
व्योम को
sushil sarna
उन से कहना था
उन से कहना था
हिमांशु Kulshrestha
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*प्रणय*
अर्थव्यवस्था और देश की हालात
अर्थव्यवस्था और देश की हालात
Mahender Singh
"Do You Know"
शेखर सिंह
ऐसा इतवार तो आने से रहा
ऐसा इतवार तो आने से रहा
अरशद रसूल बदायूंनी
कौशल्या माता
कौशल्या माता
Sudhir srivastava
24/240. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/240. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खण्डहर
खण्डहर
OM PRAKASH MEENA
20. The Future Poetry
20. The Future Poetry
Santosh Khanna (world record holder)
रंग कैसे कैसे
रंग कैसे कैसे
Preeti Sharma Aseem
तिरे रूह को पाने की तश्नगी नहीं है मुझे,
तिरे रूह को पाने की तश्नगी नहीं है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
24--- 🌸 कोहरे में चाँद 🌸
24--- 🌸 कोहरे में चाँद 🌸
Mahima shukla
हालात
हालात
Phool gufran
जुमले
जुमले
Khajan Singh Nain
रंजीत कुमार शुक्ला
रंजीत कुमार शुक्ला
हाजीपुर
हम लड़के हैं जनाब...
हम लड़के हैं जनाब...
पूर्वार्थ
कट ले भव जल पाप
कट ले भव जल पाप
C S Santoshi
संगाई (भू-श्रंगी हिरण)
संगाई (भू-श्रंगी हिरण)
Indu Singh
कागज़ पे वो शब्दों से बेहतर खेल पाते है,
कागज़ पे वो शब्दों से बेहतर खेल पाते है,
ओसमणी साहू 'ओश'
इरशा
इरशा
ओंकार मिश्र
नौ देवी वंदना घनाक्षरी छंद
नौ देवी वंदना घनाक्षरी छंद
guru saxena
खत ए ईश्क
खत ए ईश्क
Sonu sugandh
कविता: स्कूल मेरी शान है
कविता: स्कूल मेरी शान है
Rajesh Kumar Arjun
"मैं आग हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
"विजयादशमी"
Shashi kala vyas
Loading...