Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jan 2017 · 1 min read

चली जा रही है, कली जा रही है

जाने ये हालात हमें कहाँ ले चले,
दो पल पास बैठो, ये दिल कुछ कहना चाहता है।
फासला मिटा दो आज मेरे महबूब,
ये शख़्स तुझमे डूबना चाहता है।
बहुत लम्हात तेरे बिन गुजारे,
अब तो मुझे खुद से मिला दो।
मैं खामोश हो जाऊ
उससे पहले मुझे आगोश में सुला दो।
रक़ीब की बाहों में मुझसे मेरा सनम देखा नहीं जाता अब,
मेरा क़त्ल कर दो सनम,
मुहब्बत मेरी ज़िन्दगी से चली जा रही है,
लगता है बागों से कोई कली जा रही है।
चली जा रही है,
कली जा रही है………………

Language: Hindi
Tag: गीत
546 Views

You may also like these posts

एक दिन जब वो अचानक सामने ही आ गए।
एक दिन जब वो अचानक सामने ही आ गए।
सत्य कुमार प्रेमी
3390⚘ *पूर्णिका* ⚘
3390⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
बहुत पढ़ी थी जिंदगी में
बहुत पढ़ी थी जिंदगी में
VINOD CHAUHAN
:====:संघर्ष ही जीवन है:====:
:====:संघर्ष ही जीवन है:====:
Prabhudayal Raniwal
जनसंख्या का भार
जनसंख्या का भार
Vishnu Prasad 'panchotiya'
मौत की दस्तक
मौत की दस्तक
ओनिका सेतिया 'अनु '
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
अपना रिश्ता नाता
अपना रिश्ता नाता
Sudhir srivastava
पढो वरना अनपढ कहलाओगे
पढो वरना अनपढ कहलाओगे
Vindhya Prakash Mishra
ज़रा इतिहास तुम रच दो
ज़रा इतिहास तुम रच दो "
DrLakshman Jha Parimal
राष्ट्रीय किसान दिवस
राष्ट्रीय किसान दिवस
Akash Yadav
परिश्रम
परिश्रम
Neeraj Agarwal
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मुझे पढ़ना आता हैं और उसे आंखो से जताना आता हैं,
मुझे पढ़ना आता हैं और उसे आंखो से जताना आता हैं,
पूर्वार्थ
जन्मदिवस विशेष 🌼
जन्मदिवस विशेष 🌼
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
हर जमीं का आसमां होता है।
हर जमीं का आसमां होता है।
Taj Mohammad
हमारा पसंद ही तुम्हारा पसंद होता था
हमारा पसंद ही तुम्हारा पसंद होता था
Keshav kishor Kumar
मुफ़लिसी से वो डर गया होगा ,
मुफ़लिसी से वो डर गया होगा ,
Dr fauzia Naseem shad
*श्री उमाकांत गुप्त (कुंडलिया)*
*श्री उमाकांत गुप्त (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्यार के बदले यहाँ प्यार कहाँ मिलता है
प्यार के बदले यहाँ प्यार कहाँ मिलता है
आकाश महेशपुरी
"अग्निस्नान"
Dr. Kishan tandon kranti
कटे न लम्हा ये बेबसी का ।
कटे न लम्हा ये बेबसी का ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
- बीते हुए क्षण -
- बीते हुए क्षण -
bharat gehlot
*आँसू मिलते निशानी हैं*
*आँसू मिलते निशानी हैं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पर्दा खोल रहा है
पर्दा खोल रहा है
संतोष बरमैया जय
टूट गयी वो उम्मीदें
टूट गयी वो उम्मीदें
Surinder blackpen
नाकाम
नाकाम
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
#ਤੇਰੀਆਂ ਮਿਹਰਬਾਨੀਆਂ
#ਤੇਰੀਆਂ ਮਿਹਰਬਾਨੀਆਂ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
#व्यंग्य
#व्यंग्य
*प्रणय*
अक्षर ज्ञानी ही, कट्टर बनता है।
अक्षर ज्ञानी ही, कट्टर बनता है।
नेताम आर सी
Loading...