चली जा रही है, कली जा रही है
जाने ये हालात हमें कहाँ ले चले,
दो पल पास बैठो, ये दिल कुछ कहना चाहता है।
फासला मिटा दो आज मेरे महबूब,
ये शख़्स तुझमे डूबना चाहता है।
बहुत लम्हात तेरे बिन गुजारे,
अब तो मुझे खुद से मिला दो।
मैं खामोश हो जाऊ
उससे पहले मुझे आगोश में सुला दो।
रक़ीब की बाहों में मुझसे मेरा सनम देखा नहीं जाता अब,
मेरा क़त्ल कर दो सनम,
मुहब्बत मेरी ज़िन्दगी से चली जा रही है,
लगता है बागों से कोई कली जा रही है।
चली जा रही है,
कली जा रही है………………