Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Sep 2020 · 1 min read

चली चली बिटिया हमसे दूर चली (विदाई गीत)

***बिटिया के प्रति,पिता के भाव आज की आवश्यकता***
!!!!! भावात्मक गीत !!!!!
बिटिया बनकर आज दुल्हनिया ,बाबुल का घर छोड़ चली।
संग गुजारे लम्हे लम्हे, यादों की बारात चली।
चली चली चली चली ,बिटिया हमसे दूर चली।।

(१) जिस दिन तेरा जन्म हुआ था, मेरे प्यारे आंगन में।
लाखों खुशियां उमड़ घुमड़ कर ,लेटी मां के दामन में।।
संकट कितने भी आए हो, सुख से तुझको पाला है।
मंगल बेला पुण्य दिवस में, दी तुझको वरमाला है ।।
बेटी मेरी शिक्षा दीक्षा, पहुंचाना तू गली गली।
चली चली चली चली ,बिटिया हमसे दूर चली।।
(२) हृदय के आंसू तेरी विदाई ,हम सब मिलकर सह लेंगे।
अखंड रहे सुहाग तेरा ,आशीर्वचन यह कह देंगे।।
मात-पिता हम बनेंगे तेरे ,अपने प्रियवर साजन के।
खुशियों की फुहार पड़े नित, जैसे बदरा सावन के।।
लो समधी जी सौप रहे हैं ,बिटिया हमारी नाजो पली ।
चली चली चली चली, बिटिया हमसे दूर चली।।

**इस गीत के दो चरण और है जिन्हें बाद में प्रेषित किया जाएगा**।– राजेश व्यास अनुनय (मेरी प्रत्येक रचना स्वरचित है सर्वाधिकार सुरक्षित रहे)

Language: Hindi
Tag: गीत
4 Likes · 4 Comments · 533 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* हर परिस्थिति को निजी अनुसार कर लो(हिंदी गजल/गीतिका)*
* हर परिस्थिति को निजी अनुसार कर लो(हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
तेरी चाहत का कैदी
तेरी चाहत का कैदी
N.ksahu0007@writer
हम्मीर देव चौहान
हम्मीर देव चौहान
Ajay Shekhavat
"वो यादगारनामे"
Rajul Kushwaha
खुद से मुहब्बत
खुद से मुहब्बत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मेरी ज़िंदगी की खुशियां
मेरी ज़िंदगी की खुशियां
Dr fauzia Naseem shad
कोई जब पथ भूल जाएं
कोई जब पथ भूल जाएं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"तुम्हारे शिकवों का अंत चाहता हूँ
दुष्यन्त 'बाबा'
अभी सत्य की खोज जारी है...
अभी सत्य की खोज जारी है...
Vishnu Prasad 'panchotiya'
क्या ये गलत है ?
क्या ये गलत है ?
Rakesh Bahanwal
वैष्णों भोजन खाइए,
वैष्णों भोजन खाइए,
Satish Srijan
संवेदना की आस
संवेदना की आस
Ritu Asooja
“तब्दीलियां” ग़ज़ल
“तब्दीलियां” ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभाल कर।
तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभाल कर।
लक्ष्मी सिंह
संदेशा
संदेशा
manisha
काम चलता रहता निर्द्वंद्व
काम चलता रहता निर्द्वंद्व
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जहाँ खुदा है
जहाँ खुदा है
शेखर सिंह
बेटी को पंख के साथ डंक भी दो
बेटी को पंख के साथ डंक भी दो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
■ आज का शेर...।
■ आज का शेर...।
*Author प्रणय प्रभात*
होगा कौन वहाँ कल को
होगा कौन वहाँ कल को
gurudeenverma198
बोलो ! ईश्वर / (नवगीत)
बोलो ! ईश्वर / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
💐प्रेम कौतुक-262💐
💐प्रेम कौतुक-262💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शीर्षक - बुढ़ापा
शीर्षक - बुढ़ापा
Neeraj Agarwal
मेरी बच्ची - दीपक नीलपदम्
मेरी बच्ची - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कुछ ना करना , कुछ करने से बहुत महंगा हैं
कुछ ना करना , कुछ करने से बहुत महंगा हैं
Jitendra Chhonkar
फूल फूल और फूल
फूल फूल और फूल
SATPAL CHAUHAN
हाइकु (#हिन्दी)
हाइकु (#हिन्दी)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जूते और लोग..,
जूते और लोग..,
Vishal babu (vishu)
भगतसिंह:एक मुक्त चिंतक
भगतसिंह:एक मुक्त चिंतक
Shekhar Chandra Mitra
स्त्रियाँ
स्त्रियाँ
Shweta Soni
Loading...