चलना है मुश्किल
जमीं दलदली है के चलना है मुश्किल
गिरे तो समझ लो सँभलना है मुश्किल
छुपा लोगे सबसे मगर उस खुदा की
निगाहों से बचकर निकलना है मुश्किल
मुझे मंजिलों ने सहारा दिया है
मिरा रास्तों पर फिसलना है मुश्किल
बिना बर्फ के हैं सियासत के पर्वत
ये पत्थर हैं इनका पिघलना है मुश्किल
अँधेरों ने तूफाँ से कर ली मोहब्बत
च़रागों का रातों में जलना है मुश्किल
है ख़्वाहिश तुझे चाँद तारे भी ला दूँ
मगर इतना ऊँचा उछलना है मुश्किल
है आसान ये सारी दुनिया बदलना
मगर यार खुद को बदलना है मुश्किल