चलना तो है …
चलना तो है……
ज़िंदगी है जब तक
क्या करें! चलना तो है
रास्ता कठिन है पता है ,
क़दम डगमगा रहें हैं पता है ,
कोई हमसफ़र भी नहीं है साथ
पर क्या करें , चलना तो है !
मंज़िल कहाँ है पता नहीं है,
क्युओं पहुँचना है पता नहीं है ,
क्या मिलेगा ख़बर नहीं है
पर क्या करे, चलना तो है !
धूप कड़क है पता है ,
हवा तीखी है पता है ,
अँधेरा खाने को आने वाला है ,
पर क्या करें, चलना तो है !
उम्मीद भटक गई है पता है ,
आशा लापता है पता है ,
विश्वास कहीं नदारद हो गया है ,
पर क्या करें , चलना तो है!
क्षितिज किधर है पता नहीं है,
सतरंगी धनुष नज़र आता नहीं ,
संसार मृग तृष्णा से कम नहीं है ,
पर क्या करें , चलना तो है