Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2024 · 1 min read

चलते रहना ही जीवन है।

कर्म पथ पर आज क्यों?
तू थक रहा ‘ जन’ है।
कर्मभूमि यह! समझ इसे,
गांठ बाँध दें मन में।
कहती धरा ,कहता अंबर
चलते रहना ही जीवन है ।१।

देख नभ में हो रहा उदय-अस्त,
प्रभाकर- सुधाकर में-
समय-समय पर गमन-आगमन
सीख! समझ, कर चिन्तन।
हृदय में करना भी मंथन है
चलते रहना ही जीवन है ।२।

बदलती ऋतुएँ- शरद, हेमंत-
ग्रीष्म, शीत, वर्षा और बसंत।
बढ़ती नदियाँ, बढ़ते वृक्ष
खग-विहग करते विचरण है
नियम प्रकृति का परिवर्तन है
चलते रहना ही जीवन है ।३।

काल-चक्र युग-युगांतर से
बदलता अपना चक्र है
आदि-अनादि, आधि-व्याधि
काल के ही वश में है
सम्बंध प्राकृतिक सघन है
चलते रहना ही जीवन है ।४।

✍संजय कुमार “सन्जू”
शिमला हिमाचल प्रदेश

Language: Hindi
173 Views
Books from संजय कुमार संजू
View all

You may also like these posts

सत्य
सत्य
Rajesh Kumar Kaurav
"कुछ भी नहीं हूँ मैं"
Dr. Kishan tandon kranti
चुरा लो हसीन लम्हो को उम्र से, जिम्मेदारियां मोहलत कब देती ह
चुरा लो हसीन लम्हो को उम्र से, जिम्मेदारियां मोहलत कब देती ह
$úDhÁ MãÚ₹Yá
सुनो मैथिल! अब सलहेस कहाँ!
सुनो मैथिल! अब सलहेस कहाँ!
श्रीहर्ष आचार्य
जय जवान जय किसान
जय जवान जय किसान
Khajan Singh Nain
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
Ashwini sharma
उदास राहें
उदास राहें
शशि कांत श्रीवास्तव
सच्चे कवि,सच्चे लेखक
सच्चे कवि,सच्चे लेखक
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"मित्रों के पसंदों को अनदेखी ना करें "
DrLakshman Jha Parimal
तुम्हारा हर लहज़ा, हर अंदाज़,
तुम्हारा हर लहज़ा, हर अंदाज़,
ओसमणी साहू 'ओश'
हम तुम्हें लिखना
हम तुम्हें लिखना
Dr fauzia Naseem shad
अगर किसी के साथ अन्याय होता है
अगर किसी के साथ अन्याय होता है
Sonam Puneet Dubey
ख़बर थी अब ख़बर भी नहीं है यहां किसी को,
ख़बर थी अब ख़बर भी नहीं है यहां किसी को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिन भर घूमती हैं लाशे इस शेहर में
दिन भर घूमती हैं लाशे इस शेहर में
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
छंद का आनंद घनाक्षरी छंद
छंद का आनंद घनाक्षरी छंद
guru saxena
‘ विरोधरस ‘---4. ‘विरोध-रस’ के अन्य आलम्बन- +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---4. ‘विरोध-रस’ के अन्य आलम्बन- +रमेशराज
कवि रमेशराज
और कितना मुझे ज़िंदगी
और कितना मुझे ज़िंदगी
Shweta Soni
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
आंखों में गिर गया
आंखों में गिर गया
RAMESH SHARMA
दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलि
दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलि
sushil sarna
कसूर
कसूर
महेश कुमार (हरियाणवी)
गीतिका
गीतिका
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
श्रेष्ठ वही है...
श्रेष्ठ वही है...
Shubham Pandey (S P)
#आध्यात्मिक_कविता
#आध्यात्मिक_कविता
*प्रणय*
भ्रस्टाचार की लूट
भ्रस्टाचार की लूट
अमित कुमार
हे नर
हे नर
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बिड़द थांरो बीसहथी, खरो सुणीजै ख्यात।
बिड़द थांरो बीसहथी, खरो सुणीजै ख्यात।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
डॉ. कुँअर बेचैन : कुछ यादें
डॉ. कुँअर बेचैन : कुछ यादें
Ravi Prakash
जैसे-जैसे हम चुनौतियों और असफलताओं की घुमावदार सड़कों पर चलत
जैसे-जैसे हम चुनौतियों और असफलताओं की घुमावदार सड़कों पर चलत
पूर्वार्थ
23/186.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/186.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...