चराग बुझते ही…..
चराग बुझते ही अंधेरा छा गया।
कहे बिना खुद की हैसियत बता गया।
समझ सके ना खुद की नादानियों को,
जल के दे गया क्या बुझ के बता गया।
–“प्यासा”
चराग बुझते ही अंधेरा छा गया।
कहे बिना खुद की हैसियत बता गया।
समझ सके ना खुद की नादानियों को,
जल के दे गया क्या बुझ के बता गया।
–“प्यासा”