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12 Feb 2024 · 1 min read

चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है

चराग़ों की सभी ताक़त अँधेरा जानता है
बहुत अच्छे से सूरज को सवेरा जानता है

ख़ुदा के बाद की है दस्तरस जो जान पाया
मिरे अंदर की बातें दिल ये मेरा जानता है

नहीं ऐसा नहीं होता कि शाख़ों को बदल दे
परिंदा अच्छे से अपना बसेरा जानता है

बहुत मुश्किल नहीं है काम ऐसा भी मगर हाँ
यूँ साँपों को पकड़ना तो सपेरा जानता है

कहाँ कैसे चुराना और फिर कितना चुराना
ये सब तरकीब तो शातिर लुटेरा जानता है
~अंसार एटवी

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