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28 Jul 2024 · 1 min read

*चराईदेव के मैदाम (कुंडलिया)*

चराईदेव के मैदाम (कुंडलिया)
_________________________
आओ चलते हैं असम, यूनेस्को के व्योम
विश्व धरोहर हैं जहॉं, राजवंश आहोम
राजवंश आहोम, चराईदेव पधारो
यहॉं बने मैदाम, प्रकृति परिदृश्य निहारो
कहते रवि कविराय, भूमि को शीश नवाओ
वर्ष सात सौ साल, पुराने युग में आओ
_________________________
व्योम= आकाश
यूनेस्को= संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन, यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन
चराईदेव के मैदाम= चराईदेव स्थान का नाम है। मैदाम का अभिप्राय समाधि/स्तूप से है। यहॉं आहोम राजवंश की 700 वर्ष पुरानी शाही स्तूप/ समाधि प्रथा है। यूनेस्को ने 2024 में इस स्थान को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है।
_________________________
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

1 Like · 40 Views
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