Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jun 2021 · 1 min read

चम चम चमकती ______ घनाक्षरी

चम चम चमकती चांदनी रात में तो
छत पर आजा गौरी, नजरें लड़ाएंगे।
देखना तू मुझको तो, मै भी देखूं तुझको ही।
भूल दोनों जग को तो,सपने सजाएंगे।।
हाथ लेकर हाथ में, प्यार की बरसात में,
तन मन भीग जाएं,झरने बहाएंगे।।
जब तक रात रहे,हाथों में ये हाथ रहे।
कल का वादा करके, कर्म में नहाएंगे।।
____राजेश व्यास अनुनय______

4 Likes · 2 Comments · 300 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

वो जो कहें
वो जो कहें
shabina. Naaz
23/114.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/114.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब तक आप प्रयास नहीं करेंगे
जब तक आप प्रयास नहीं करेंगे
पूर्वार्थ
घनाक्षरी गीत...
घनाक्षरी गीत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ढोलकों की थाप पर फगुहा सुनाई दे रहे।
ढोलकों की थाप पर फगुहा सुनाई दे रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
वीरों की धरती......
वीरों की धरती......
रेवा राम बांधे
सनम हर पल तुझी को ही लिखे शब्दों में पाया है।
सनम हर पल तुझी को ही लिखे शब्दों में पाया है।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
लंबे सफ़र को जिगर कर रहा है
लंबे सफ़र को जिगर कर रहा है
Shreedhar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हमेशा दोस्त ही हैं जो हमारे साथ चलते हैं
हमेशा दोस्त ही हैं जो हमारे साथ चलते हैं
Dr Archana Gupta
जनहरण घनाक्षरी
जनहरण घनाक्षरी
Rambali Mishra
मां कात्यायनी
मां कात्यायनी
Mukesh Kumar Sonkar
संतान को संस्कार देना,
संतान को संस्कार देना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*ऋष्यमूक पर्वत गुणकारी :(कुछ चौपाइयॉं)*
*ऋष्यमूक पर्वत गुणकारी :(कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
कजरी
कजरी
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
हालात ए वक्त से
हालात ए वक्त से
Dr fauzia Naseem shad
आओ चलते हैं
आओ चलते हैं
Arghyadeep Chakraborty
इश्क पहली दफा
इश्क पहली दफा
साहित्य गौरव
मिट जाती है इश्क़ में हर नफ़रत
मिट जाती है इश्क़ में हर नफ़रत
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
बेटी हूं या भूल
बेटी हूं या भूल
Lovi Mishra
वक्त लगता है
वक्त लगता है
Vandna Thakur
🙅अजब संयोग🙅
🙅अजब संयोग🙅
*प्रणय*
सज जाऊं तेरे लबों पर
सज जाऊं तेरे लबों पर
Surinder blackpen
गुमाँ हैं हमको हम बंदर से इंसाँ बन चुके हैं पर
गुमाँ हैं हमको हम बंदर से इंसाँ बन चुके हैं पर
Johnny Ahmed 'क़ैस'
आज के दौर के मौसम का भरोसा क्या है।
आज के दौर के मौसम का भरोसा क्या है।
Phool gufran
“बायोमैट्रिक उपस्थिति”
“बायोमैट्रिक उपस्थिति”
Neeraj kumar Soni
इन दिनों
इन दिनों
Dr. Kishan tandon kranti
एक लेख
एक लेख
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
जब -जब धड़कन को मिली,
जब -जब धड़कन को मिली,
sushil sarna
अभी अधूरा अभिनन्दन है
अभी अधूरा अभिनन्दन है
Mahesh Jain 'Jyoti'
Loading...