चमन
कभी किसी से दिल के रिश्ते जोडना नही!
गर जुड भी जाए कभी,तो फिर तोडना नही!!
जुडने से ज्यादा, टूटने से तकलीफ होती है!
चेहरे से दिखे न दिखे,फिर भी ऑख रोती है!!
प्यार का इकरार करना, इतना जरूरी नही!
सौदा टूट जाए बेशक,आस कभी तोडना नही!!
है यह वो ज़ज्बा,जहा दोनो तरफ बस हार है!
कभी गले का हार है.तो कभी दिल की हार है!!
इश्क के चमन मे,कभी कोई पौधा रोपना नही’!
खिले जो फूल इस पर,फूल कभी तोडना नही!!