चन्द्रमा
***चन्द्रमा***
रोशनी रजत सी बिखेर कर
अन्धकार रात्रि का दूर कर
राजा रात का निकल रहा
रोशनी का भण्डार लेके
अन्धकार को चीर के
देखो कैसे चमक रहा
शमां हो कोई भी
काली घटाओ को चीर के
चमकते रहने का सन्देश दे रहा
निकले जब भी राहों में
खौफी अन्धकार को मिटाकर
बृहमान्ड को रौशन कर रहा
शिशु, बाल,युवा,बृद्ध
सबके मन को हर्षा रहा
देखो कैसे चमक रहा•••••
दिनेश कुमार गंगवार