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sushil sarna
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17 Sep 2024 · 1 min read
चढ़ते सूरज को सदा,
चढ़ते सूरज को सदा,
करते सभी सलाम।
साँझ ढले तो भानु की,
बीते तनहा शाम।।
सुशील सरना
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