चंद सिक्कों पर
चंद सिक्कों पर
चंद सिक्कों पर अपना ईमान लुटाएं क्यों
चलो जिन्दगी को कोई और सिला देकर देखें
यूं ही अपने प्रयासों को क्यों करें नावाकिफ़
चलो किसी के सूने आशियाँ को रोशन कर देखें
यूं ही न बीत जाए जिन्दगी अपनी
इस जिन्दगी को खुदाया , कोई मकसद देकर देखें
फ़िक्र क्यों नहीं है किसी को किसी दूसरे की
चलो दिलों में मुहब्बत के ज़ज्बात रोशन कर देखें
चंद सिक्कों पर अपना ईमान लुटाएं क्यों
चलो जिन्दगी को कोई और सिला देकर देखें
यूं ही अपने प्रयासों को क्यों करें नावाकिफ़
चलो किसी के सूने आशियाँ को रोशन कर देखें