चंद पल खुशी के
दिल में कुछ अरमान संजोए रखता हूँ ,
इक एहसास सा महकाए रखता हूँ ,
वो गुज़रे हसीन लम्हों की यादें ,
सोज़ -ए – पिन्हाँ जगाती वो बरसातें ,
ज़ुल्फ़ों से टपकती बूंदों से उनके बदन की
वो नज़ाकत,
वो भीगा हुस्ऩ -ए – सरापा , नरगिसी निगाहों की
वो शरारत ,
वो भड़के हुए जज़्बात ,
सिमटे हुए वो दिलकश अंदाज़ ,
उन हसीन लम्हों के तसव्वुर में डूब जाना
चाहता हूँ ,
इस गर्दिश-ए-दौराँ में चंद पल खुशी के चुराना
चाहता हूँ ।