Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Oct 2021 · 1 min read

चंद अल्फ़ाज़

अना की ज़द में रिश्ते काफ़ूर हुए ,
दिल टूट कर मायूस मजबूर हुए ,
कल तक जिन्हें नाज़ था हम रहने पर ,
वो सब मैं के हाथों मा’ज़ूर हुए ,

टूटे तार के साज़ की कोई आवाज़ नहीं होती ,
गिरे ज़मीर की कोई औकात नहीं होती ,
राज़ जो दिल में ना छुपे नजरों से बयाँ हो जाए ,
उस राज़े हक़ीक़त की कोई अहमियत नहीं होती ,

नाहक ज़िंदगी से शिकवा क्यों करें ,
जिंदगी हम से है हम जिंदगी से नहीं ,
खारों के जहाँ में फूलों की तमन्ना क्यूँ करें ,
इख़्तिलाफ़ी माहौल में बाहमी रज़ा-मंदी क्यू्ँ तलाश करें ,

Language: Hindi
Tag: शेर
6 Likes · 12 Comments · 286 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
इज़हार ज़रूरी है
इज़हार ज़रूरी है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ज़मीर
ज़मीर
Shyam Sundar Subramanian
सत्य तत्व है जीवन का खोज
सत्य तत्व है जीवन का खोज
Buddha Prakash
गुरुर ज्यादा करोगे
गुरुर ज्यादा करोगे
Harminder Kaur
अब समन्दर को सुखाना चाहते हैं लोग
अब समन्दर को सुखाना चाहते हैं लोग
Shivkumar Bilagrami
***होली के व्यंजन***
***होली के व्यंजन***
Kavita Chouhan
मुस्कुराना चाहते हो
मुस्कुराना चाहते हो
surenderpal vaidya
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बुंदेली दोहा- चिलकत
बुंदेली दोहा- चिलकत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
समय की धारा रोके ना रुकती,
समय की धारा रोके ना रुकती,
Neerja Sharma
बच्चों को बच्चा रहने दो
बच्चों को बच्चा रहने दो
Manu Vashistha
*सर्दियों में एक टुकड़ा, धूप कैसे खाइए (हिंदी गजल)*
*सर्दियों में एक टुकड़ा, धूप कैसे खाइए (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
The reflection of love
The reflection of love
Bidyadhar Mantry
Go to bed smarter than when you woke up — Charlie Munger
Go to bed smarter than when you woke up — Charlie Munger
पूर्वार्थ
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वक़्त है तू
वक़्त है तू
Dr fauzia Naseem shad
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
पग-पग पर हैं वर्जनाएँ....
पग-पग पर हैं वर्जनाएँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
3063.*पूर्णिका*
3063.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सौभाग्य मिले
सौभाग्य मिले
Pratibha Pandey
गंगा दशहरा मां गंगा का प़काट्य दिवस
गंगा दशहरा मां गंगा का प़काट्य दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दुनिया को छोड़िए मुरशद.!
दुनिया को छोड़िए मुरशद.!
शेखर सिंह
मां - स्नेहपुष्प
मां - स्नेहपुष्प
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
जय अयोध्या धाम की
जय अयोध्या धाम की
Arvind trivedi
मेरी नज़रों में इंतिख़ाब है तू।
मेरी नज़रों में इंतिख़ाब है तू।
Neelam Sharma
Kahi pass akar ,ek dusre ko hmesha ke liye jan kar, hum dono
Kahi pass akar ,ek dusre ko hmesha ke liye jan kar, hum dono
Sakshi Tripathi
"बैठे हैं महफ़िल में इसी आस में वो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
औरों की तरह हर्फ़ नहीं हैं अपना;
औरों की तरह हर्फ़ नहीं हैं अपना;
manjula chauhan
जिंदगी में.....
जिंदगी में.....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
Loading...