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18 Apr 2022 · 1 min read

चंदा मामा बाल कविता

चंदा मामा पहन पायजामा,
पहुंचे एक दिन वे सुसराल।
बड़ी साली ने पलंग बिछाया,
डाला उस पर मखमली शाल।।

छोटी साली नमकीन है लाई,
सलज मिठाई लेकर है आई।
सासू मां ने तुलसी चाय बना,
मेज पर है उसे खूब सजाई।।

चंदा मामा बड़े ही खुश थे,
देखा कर अपनी ये अगुवाई।
फूले वे समा नही रहे थे,
ले रहे थे वे खूब अंगड़ाई।।

चंदा मामा सासू से बोले,
सफर मेरा बहुत है लंबा।
जाड़े से भी मै मारता हूं
हो जाता हूं काफी ठंडा।।

सासू मां सुन चंदा की बाते,
हंस कर वह चांद से बोली।
सिलवा दूंगी एक झिंगौला,
हर दिन की तुझ को आए।
पर डरती हूं एक बात से मै,
साइज रोज तू बदलता जाए।।

घटता बढ़ता तू हर दिन बेटे,
दिखलाई नही देता एक सा।
झिंगोला में कैसे सिलाऊं मै,
जो हर रोज तुझको आए।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
9 Likes · 10 Comments · 717 Views
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