Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2023 · 1 min read

ङरावनी रात

बहूत डरावना भयानक रात
देखनी हइ जब ओके आज
असपताल के एगो कोना मे
चिखत रहे लेके धिरे धिरे सास

दरद पिडा के रहे समूंदर
हर पल उठत रहे ओकरा अंदर
देख के ओके जि घबराये
का हाेइ ना समझ मे आये

डाकटर के उहवा एगो रहे टोली
जूझत रहे सब कोशिश से अउर देके गोली
मगर ओके रहे स्थिति एतना खराब
लेत रहे उ गिन गिन के सास

डाॅकटर भी नाकाम भइल
सुबह से लेके साझ भइल
सबसे नाता,रिसता अउर छुटल साथ
जाने कहवा उड के गइल जान

गेट पे दूगो लइका रहे खडियाइल
छर छर रेये अउर रहे छिछियाइल
पापा पापा कह खूबे चिललाइल
कहवा बाने भगवान समझ मे ना आइल

माई पे बितत रहे सढ साती
धिरे धिरे शांति ला ठोकत रहे छाति
मगर का करे ना दरद रोकाइल
घब से उहवा मुहकूडिया ढिमलाइल

समर

Categories:
भोजपुरी कविता

Language: Hindi
142 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
💐💐दोहा निवेदन💐💐
💐💐दोहा निवेदन💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मीठे बोल या मीठा जहर
मीठे बोल या मीठा जहर
विजय कुमार अग्रवाल
एक पल सुकुन की गहराई
एक पल सुकुन की गहराई
Pratibha Pandey
मैं स्वयं हूं..👇
मैं स्वयं हूं..👇
Shubham Pandey (S P)
मुझे     उम्मीद      है ए मेरे    दोस्त.   तुम.  कुछ कर जाओग
मुझे उम्मीद है ए मेरे दोस्त. तुम. कुछ कर जाओग
Anand.sharma
आसमाँ के परिंदे
आसमाँ के परिंदे
VINOD CHAUHAN
मेरी तू  रूह  में  बसती  है
मेरी तू रूह में बसती है
डॉ. दीपक मेवाती
प्रेम निभाना
प्रेम निभाना
लक्ष्मी सिंह
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मेरा गांव
मेरा गांव
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नाम हमने लिखा था आंखों में
नाम हमने लिखा था आंखों में
Surinder blackpen
Natasha is my Name!
Natasha is my Name!
Natasha Stephen
"विद्या"
Dr. Kishan tandon kranti
*मेला (बाल कविता)*
*मेला (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जितना बर्बाद करने पे आया है तू
जितना बर्बाद करने पे आया है तू
कवि दीपक बवेजा
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
* वर्षा ऋतु *
* वर्षा ऋतु *
surenderpal vaidya
■ नाकारों से क्या लगाव?
■ नाकारों से क्या लगाव?
*Author प्रणय प्रभात*
दिल से दिल गर नहीं मिलाया होली में।
दिल से दिल गर नहीं मिलाया होली में।
सत्य कुमार प्रेमी
सूझ बूझ
सूझ बूझ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मन और मस्तिष्क
मन और मस्तिष्क
Dhriti Mishra
सभी नेतागण आज कल ,
सभी नेतागण आज कल ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
यथार्थ
यथार्थ
Shyam Sundar Subramanian
शराब
शराब
RAKESH RAKESH
वक्त का सिलसिला बना परिंदा
वक्त का सिलसिला बना परिंदा
Ravi Shukla
पूछ रही हूं
पूछ रही हूं
Srishty Bansal
गुमनामी ओढ़ लेती है वो लड़की
गुमनामी ओढ़ लेती है वो लड़की
Satyaveer vaishnav
2287.
2287.
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
जब तक ईश्वर की इच्छा शक्ति न हो तब तक कोई भी व्यक्ति अपनी पह
जब तक ईश्वर की इच्छा शक्ति न हो तब तक कोई भी व्यक्ति अपनी पह
Shashi kala vyas
Loading...