“घोड़ा”
“घोड़ा”
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घोड़ा चलता सबसे आगे,
मोटर से भी ये तेज भागे।
हम करते, इसकी सवारी;
कभी बन जाए घोड़ागाड़ी।
इसकी होती, तेज रफ्तार;
घोड़े से करे सब-जन प्यार।
ये सरपट दौड़ता,दुम उठा;
घुड़सवार बैठे, लगाम चढ़ा।
रहता ये सदा, अस्तबल में;
बल है इसकी,हॉर्सपावर में।
खाता है ये , चना और घास;
शाकाहारी है ये, बहुत खास।
…. ✍️प्रांजल
……..कटिहार।