घोटाला/Ghotala
घोटाला भी नहीं लगता घोटाला इन दिनों
सियासत का है कितना बोलबाला इन दिनों
तुम्हारे इस जुनून-ए-जंग का आलम है यह
बड़ी मुश्किल से मिलता है निवाला इन दिनों
अंधेरों में सिमट जाएगी दुनिया जल्द ही
कहीं पर भी नहीं दिखता उजाला इन दिनों
किया सम्मान जिसका वो पराया हो गया
सवालों में घिरी है फूल माला इन दिनों
ख़बर में साफ़गोई अब किसे जंचती भला
ख़बर में चाहिए थोड़ा मसाला इन दिनों
शिवकुमार बिलगरामी