घर याद आता है माँ
?घर याद आता है माँ ?
सब छोड जाते वक्त के साथ पर माँ की वह दुलार साथ रहती है ,
गम मिलते है जिंदगी मे तो माँ की प्यार भरी डाँट याद आती है ,
कहती है सुधर जाओ राहुल ,
अभी मुझमे बचपना है तो कर देता हूँ गलतियाँ,
सोचता हूँ सुधर जाउगा माँ की प्यारी डाँट के बाद,
पर अब मुझे माँ की उस प्यारी डाँट मे विद्रोह नजर आता है ,
नही नही माँ तो माँ है शायद मुझमे ही कुछ बदलाव नजर आता।
माँ घर याद आता है)