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8 Jul 2023 · 1 min read

*घर में बैठे रह गए , नेता गड़बड़ दास* (हास्य कुंडलिया

घर में बैठे रह गए , नेता गड़बड़ दास (हास्य कुंडलिया)
___________________________
घर में बैठे रह गए , नेता गड़बड़ दास
मंत्री-पद की अब नहीं ,बाकी कोई आस
बाकी कोई आस ,दाँव कुछ काम न आया
शपथ हो गई पूर्ण , देखकर दिल घबराया
कहते रवि कविराय ,स्वप्न टूटे क्षण-भर में
पहने अचकन खास , रह गए बैठे घर में
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451

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