घर-घर एसी लग रहे, बढ़ा धरा का ताप। घर-घर एसी लग रहे, बढ़ा धरा का ताप। हलक-अधर सब सूखते, कौन हरे संताप।। © सीमा अग्रवाल मुरादाबाद