घर के आंगन में
घर के आंगन में कहीं छोटी सी फुलवारी रख
अपनी ख़ुशियों के लिए जद्दोजहद जारी रख
कौन मानेगा यहां संत तपस्वी तुझको
कोई न कोई चीज़ कमंडल में चमत्कारी रख
खादी कुर्ते को पहनने से भला क्या होगा
नेता बनना है तो फिर जेब में अधिकारी रख
अपने किरदार को हद से न बना पाक़ीज़ा
अपने किरदार में थोड़ी सी अदाकारी रख
तुझको जीना है अगर दुनिया में राजा की तरह
अपने व्यक्तित्व में सम्राट की खुद्दारी रख
— शिवकुमार बिलगरामी