Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jun 2024 · 1 min read

घर और जीवन

घर की दीवारों में बहुत नमी है
जो इसे जर्जर कर रही है।
खिड़की दरवाजों को
उन्हीं में रहने वाले दीमक
निरन्तर खाये जा रहे है ।
सदा से बन्द खिड़कियाँ
अब खोलनी ही पड़ेगी
ताकि सूर्य आ सके भीतर
और बना सके इस घर को
जीवनदायी ।

Language: Hindi
25 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Saraswati Bajpai
View all
You may also like:
जिन्हें बरसात की आदत हो वो बारिश से भयभीत नहीं होते, और
जिन्हें बरसात की आदत हो वो बारिश से भयभीत नहीं होते, और
Sonam Puneet Dubey
छंटेगा तम सूरज निकलेगा
छंटेगा तम सूरज निकलेगा
Dheerja Sharma
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ा कर चले गए...
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ा कर चले गए...
Sunil Suman
नारी को सदा राखिए संग
नारी को सदा राखिए संग
Ram Krishan Rastogi
ଅହଙ୍କାର
ଅହଙ୍କାର
Bidyadhar Mantry
बिखरे ख़्वाबों को समेटने का हुनर रखते है,
बिखरे ख़्वाबों को समेटने का हुनर रखते है,
डी. के. निवातिया
इतनी भी
इतनी भी
Santosh Shrivastava
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
जब याद सताएगी,मुझको तड़पाएगी
कृष्णकांत गुर्जर
देख रही हूँ जी भर कर अंधेरे को
देख रही हूँ जी भर कर अंधेरे को
ruby kumari
*ले औषधि संजीवनी, आए रातों-रात (कुछ दोहे)*
*ले औषधि संजीवनी, आए रातों-रात (कुछ दोहे)*
Ravi Prakash
वक्त हो बुरा तो …
वक्त हो बुरा तो …
sushil sarna
मन मेरे तू सावन सा बन....
मन मेरे तू सावन सा बन....
डॉ.सीमा अग्रवाल
विचार , हिंदी शायरी
विचार , हिंदी शायरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#विजय_के_23_साल
#विजय_के_23_साल
*प्रणय प्रभात*
* कुण्डलिया *
* कुण्डलिया *
surenderpal vaidya
आँखों का कोना,
आँखों का कोना,
goutam shaw
*सखी री, राखी कौ दिन आयौ!*
*सखी री, राखी कौ दिन आयौ!*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
" प्यार के रंग" (मुक्तक छंद काव्य)
Pushpraj Anant
दिखाओ लार मनैं मेळो, ओ मारा प्यारा बालम जी
दिखाओ लार मनैं मेळो, ओ मारा प्यारा बालम जी
gurudeenverma198
अपने सपने कम कम करते ,पल पल देखा इसको बढ़ते
अपने सपने कम कम करते ,पल पल देखा इसको बढ़ते
पूर्वार्थ
दुख
दुख
Rekha Drolia
गर्भपात
गर्भपात
Bodhisatva kastooriya
थक गये चौकीदार
थक गये चौकीदार
Shyamsingh Lodhi Rajput (Tejpuriya)
लघुकथा- धर्म बचा लिया।
लघुकथा- धर्म बचा लिया।
Dr Tabassum Jahan
आत्मबल
आत्मबल
Punam Pande
माँ तुम सचमुच माँ सी हो
माँ तुम सचमुच माँ सी हो
Manju Singh
"यह आम रास्ता नहीं है"
Dr. Kishan tandon kranti
*****सबके मन मे राम *****
*****सबके मन मे राम *****
Kavita Chouhan
दोहा छंद
दोहा छंद
Yogmaya Sharma
जिसे सुनके सभी झूमें लबों से गुनगुनाएँ भी
जिसे सुनके सभी झूमें लबों से गुनगुनाएँ भी
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...