घर अंगना वीरान हो गया
जिस घर में मां बाप का नहीं साया
समझो वह जहां सुनसान हो गया
घर अंगना विरान हो गया…..
सुबह उठ अंगना मां साफ करती थी
आज वह अंगना ही बदहाल हो गया
घर अंगना वीरान हो गया………
सुबह पिता पिलाता चाय का प्याला
आज वह प्याला ही गुमनाम हो गया
घर अंगना वीरान हो गया……
मां का प्यार दुलार पिता की आशीष
पा पास जिंदगी का इम्तिहान हो गया
घर अंगना वीरान हो गया…….
माता जी की नर्मी पिताजी की गर्मी
पाकर मैं नादान मालामाल हो गया
घर अंगना वीरान हो गया…….
जिस पेड़ पर बैठ पंछी चहचहाते थे
वह पेड़ भी बदहाल निढाल हो गया
घर अंगना वीरान हो गया……..
सतपाल क्या होते हैं सब सत्य सपने
छोड़ बचपनाअब तो तू जवान हो गया
घर अंगना वीरान हो गया…….. 😥😥😥