घरौंदा बनाया
घरौंदा बनाया
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तिल-तिल कर तुमने,घरौंदा बनाया,
हजारों सपने बुनकर
जिसको तुमने गुलिस्तां सा सजाया।
हम सबके लिए सदा सोचते थे,
बच्चों का जीवन उज्वल बनाया।।
तिल-तिल कर तुमने—
अपने लिए तुमको फुर्सत कहां थी,
परिवार में खुशियां बिखेरते थे।
मेहनत से अपने घर को सजाया,
तुमने ही तो घर को मंदिर बनाया!
तिल-तिल कर तुमने—-
खुशियां भी सारी पापा ,
तुमसे ही तो हैं।
मां का चमकता चेहरा,
और माथे कि बिंदी की शान!
तुमसे ही है मेरे पापा!!!
तिल-तिल कर तुमने,
घरौंदा बनाया पापा—–
सुषमा सिंह*उर्मि,,
कानपुर