घरौंदा बनाया है।
तिनका तिनका जोड़ कर घरौंदा बनाया है।
बहुत प्यार से हमने मिलकर इसे सजाया है।
मुश्किल हालातों में भी धैर्य न खोया हमनें,
संयम और साहस को हरपल अपनाया है।
दो जून की रोटी,चाहें हो अनगिनत व्यंजन,
हर चीज़ को अपनी मेहनत से कमाया है।
खट्टे मीठे अनुभव मिले जीवन के सफर में,
हर अनुभव ने एक नया अनुभव सिखाया है।
खिले अनमोल पलाश दो घर के बागवान में,
अपने प्यार से उन्होंने बगिया को महकाया है।
सह लेंगे काँटे पर उनको न कुम्हलाने देंगे,
ईश्वर के वरदान से उन्नति उत्कर्ष को पाया है।
नमन करते हैं हम शिवशंकर के चरणों मे,
जिन्होंने हर परीक्षा को आसान बनाया है।।
By:Dr Swati Gupta