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17 Dec 2024 · 1 min read

घरेलू हिंसा और संविधान

अतुल सुभाष ने फांसी चढ़ क्या देश के सिस्टम को ललकारा है।
या यह संविधान में बदलाव करने का कोई इशारा है।।
कानून से डरकर कितने अतुल पत्नी की इच्छा भेंट चढ़ जाते हैं।।
क्योंकि संविधान की हर कमज़ोरी का फायदा हम उठाते हैं।
जिस देश में मातृरूप ने नारी को ऊंचे पद पर पहुंचाया है।
उसकी नारी के पत्नी रूप से कुछ पुरुषों ने धोखा खाया है।।
एक समाज की औरत का शोषण देश में होता आया है।
इसलिए नारी को संविधान अधिकार ख़ास दे पाया है।।
कुछ नारी इस अधिकार को क्यों अपना हथियार बनाती है।
क्योंकि पुरुषों से जो चाहे जब चाहे सब वो करवाती है।।
घरेलू हिंसा कानून जो नारी हित के लिए बनाया है।
कुछने इस कानून को पति के गले का फंदा बनाया है।।
कहे विजय बिजनौरी ये कानून पति के सिर लटकी तलवार है।
इस की आड़ में पत्नी करती पति पर अचूक वार है।।
ऐसे पतियों को भी कानून के ऊपर अपनी आस्था रखनी है।
पत्नी की पहली गलती पर ही कानूनी कार्यवाही करनी है।।

विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी।

Language: Hindi
16 Views
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