घनाक्षरी
प्रेम के दीपों के साथ
नेह सौहार्द के हाथ
मिल दीप पर्व पर
मन झिलमिलाओ ।
साज सफाई करके
घर रोशन करके
रंगबिरंगे बल्वों से
दिल जगमगाओ ।
सजा स्वागत की थाली
इक्कठी हो सब आली
लम्बोदर लक्ष्मै बुला
आरती सब गाओ ।
द्वार है बन्दनवारें
रोशन होती कतारें
रमा पधारेगी आज
खूब उल्लास पाओ ।