*घड़ा (बाल कविता)*
घड़ा (बाल कविता)
घड़ा काम घर-घर में आता
गढ़ा सुगढ़ मिट्टी से जाता
घड़ा बनाना हुनर कहाता
हुनरमंद है चाक घुमाता
रखते ढके घड़े में पानी
आती खुशबू है मस्तानी
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451