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18 Jan 2022 · 1 min read

गज़ल

2212
है ईश्क़ गर
तो फिक्र कर ।

मेरी तरफ़
देखा तू कर ।

ख्वाबों में आ
फ़िर रात भर ।

दिल में समा
आँखों के दर।

चाहत रहे
गर उम्र भर ।

तो ज़िंदगी
जाए गुजर।

नज़रे करम
हो जो इधर ।

हो गा अजय
आसां सफ़र ।

-अजय प्रसाद

1 Like · 377 Views
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