Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Nov 2017 · 1 min read

आंधियो हवाओ का रुख

चााहत का किसी दिल में अभी किला नहीं है
एक लड़की ही है कोई अभी इला नहीं है
“““““““““““““““““““““““`
आंधियो हवाओ का रुख और तेज करो
मेरे हौसलो का शजर अभी गिरा नहीं है
“““““““““““““““““““““““`
जिसपे हो दिल जान ईमान सभी कुर्बान
ऐसा हुकूमत में रहनुमा अभी मिला नही है
““““““““““““““““““““““““
अखलाख।। के कातिल को डालते हो तिरंगे में
मत सोच भारत को तुझसे अभी गिला नहीं है
“““““““““““““““““““““““““`
जहा ना हो चोर गुंडे माफिया बलात्कारी
मुल्क में पाक साफ तो अभी जिला नहीं है
““““““““““““““““““““““““`
टीपू तूने ही की जंगे ऐ आज़ादी की शुरवात
मगर तेरी क़ुरबानी का कोई अभी सीला नही है
“““““““““““““““““““““““““`
नबी ने टांग दिया था दो टुकड़ो के बाद चाँद
वो वक़्त से अब तक चाँद भी अभी हिला नहीं है
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””

1 Like · 247 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
भिखारी का बैंक
भिखारी का बैंक
Punam Pande
मेरे आदर्श मेरे पिता
मेरे आदर्श मेरे पिता
Dr. Man Mohan Krishna
मैं भी डरती हूॅं
मैं भी डरती हूॅं
Mamta Singh Devaa
"नेवला की सोच"
Dr. Kishan tandon kranti
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
खुद से मुहब्बत
खुद से मुहब्बत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आस्था
आस्था
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जो सब समझे वैसी ही लिखें वरना लोग अनदेखी कर देंगे!@परिमल
जो सब समझे वैसी ही लिखें वरना लोग अनदेखी कर देंगे!@परिमल
DrLakshman Jha Parimal
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
तुम्हे तो अभी घर का रिवाज भी तो निभाना है
शेखर सिंह
****मतदान करो****
****मतदान करो****
Kavita Chouhan
लुटा दी सब दौलत, पर मुस्कान बाकी है,
लुटा दी सब दौलत, पर मुस्कान बाकी है,
Rajesh Kumar Arjun
अपने घर में हूँ मैं बे मकां की तरह मेरी हालत है उर्दू ज़बां की की तरह
अपने घर में हूँ मैं बे मकां की तरह मेरी हालत है उर्दू ज़बां की की तरह
Sarfaraz Ahmed Aasee
2405.पूर्णिका
2405.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*रामचरितमानस का पाठ : कुछ दोहे*
*रामचरितमानस का पाठ : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
कहां से कहां आ गए हम..!
कहां से कहां आ गए हम..!
Srishty Bansal
आईने में अगर
आईने में अगर
Dr fauzia Naseem shad
: आओ अपने देश वापस चलते हैं....
: आओ अपने देश वापस चलते हैं....
shabina. Naaz
अब तू किसे दोष देती है
अब तू किसे दोष देती है
gurudeenverma198
एक गजल
एक गजल
umesh mehra
लज्जा
लज्जा
Shekhar Chandra Mitra
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
परछाई
परछाई
Dr Parveen Thakur
मर्यादापुरुषोतम श्री राम
मर्यादापुरुषोतम श्री राम
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
दीप शिखा सी जले जिंदगी
दीप शिखा सी जले जिंदगी
Suryakant Dwivedi
विधा:
विधा:"चन्द्रकान्ता वर्णवृत्त" मापनी:212-212-2 22-112-122
rekha mohan
!! बच्चों की होली !!
!! बच्चों की होली !!
Chunnu Lal Gupta
ख्वाहिश
ख्वाहिश
Omee Bhargava
ये दुनिया सीधी-सादी है , पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।
ये दुनिया सीधी-सादी है , पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...