Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2016 · 1 min read

गज़ल

सभी राज हमसे छिपाए हुए हैं
कभी जो थे अपने पराए हुए हैं

लबों पे हमारे हंसी तुम ना देखो जमाने से’ हम चोट खाए हुए हैं

भले वो न चाहें हमें भूलके भी मगर नाज उनके उठाए हुए हैं

न आवाज कोई न कोई इशारा
न जाने कहां दिल लगाए हुए हैं

खबर क्या उन्हें हम उन्हीं पे फिद़ा हैं कहानी गज़ल में बताए हुए हैं

वही ‘श्रेष्ठ’ दिलवर जिन्हें चाहता हो रहें साथ जो प्यार पाए हुए हैं

2 Comments · 722 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*कड़वाहट केवल ज़ुबान का स्वाद ही नहीं बिगाड़ती है..... यह आव
*कड़वाहट केवल ज़ुबान का स्वाद ही नहीं बिगाड़ती है..... यह आव
Seema Verma
अधूरेपन की बात अब मुझसे न कीजिए,
अधूरेपन की बात अब मुझसे न कीजिए,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बरगद पीपल नीम तरु
बरगद पीपल नीम तरु
लक्ष्मी सिंह
एक ज़िद थी
एक ज़िद थी
हिमांशु Kulshrestha
*रखो हमेशा इस दुनिया से, चलने की तैयारी (गीत)*
*रखो हमेशा इस दुनिया से, चलने की तैयारी (गीत)*
Ravi Prakash
आम का मौसम
आम का मौसम
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कमज़ोर सा एक लम्हा
कमज़ोर सा एक लम्हा
Surinder blackpen
हम वीर हैं उस धारा के,
हम वीर हैं उस धारा के,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
क्यों ना बेफिक्र होकर सोया जाएं.!!
क्यों ना बेफिक्र होकर सोया जाएं.!!
शेखर सिंह
बुद्ध या विनाश
बुद्ध या विनाश
Shekhar Chandra Mitra
कोशिश करना आगे बढ़ना
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"याद है मुझे"
Dr. Kishan tandon kranti
*****नियति*****
*****नियति*****
Kavita Chouhan
यादों के बादल
यादों के बादल
singh kunwar sarvendra vikram
सुखम् दुखम
सुखम् दुखम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चंदा मामा (बाल कविता)
चंदा मामा (बाल कविता)
Dr. Kishan Karigar
🥀* अज्ञानी की कलम*🥀
🥀* अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ईच्छा का त्याग -  राजू गजभिये
ईच्छा का त्याग - राजू गजभिये
Raju Gajbhiye
कर्नाटक के मतदाता
कर्नाटक के मतदाता
*Author प्रणय प्रभात*
केतकी का अंश
केतकी का अंश
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
💐अज्ञात के प्रति-153💐
💐अज्ञात के प्रति-153💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
धर्म और विडम्बना
धर्म और विडम्बना
Mahender Singh
सोच
सोच
Shyam Sundar Subramanian
भारत भूमि में पग पग घूमे ।
भारत भूमि में पग पग घूमे ।
Buddha Prakash
रास्ते पर कांटे बिछे हो चाहे, अपनी मंजिल का पता हम जानते है।
रास्ते पर कांटे बिछे हो चाहे, अपनी मंजिल का पता हम जानते है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
2480.पूर्णिका
2480.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सरकारी नौकरी
सरकारी नौकरी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बैठा ड्योढ़ी साँझ की, सोच रहा आदित्य।
बैठा ड्योढ़ी साँझ की, सोच रहा आदित्य।
डॉ.सीमा अग्रवाल
इस टूटे हुए दिल को जोड़ने की   कोशिश मत करना
इस टूटे हुए दिल को जोड़ने की कोशिश मत करना
Anand.sharma
प्रिंट मीडिया का आभार
प्रिंट मीडिया का आभार
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
Loading...