Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
#1 Trending Author
Dr. Kishan tandon kranti
279 Followers
Follow
Report this post
29 Oct 2024 · 1 min read
” गौर से “
” गौर से ”
हर आदमी में होते हैं कई आदमी,
भूल न जाना जरा गौर से देखना।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
2 Likes
·
2 Comments
· 25 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
पूनम का चाँद (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तस्वीर बदल रही है (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
नवा रद्दा (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तइहा ल बइहा लेगे (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
परछाई के रंग (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सबक (लघुकथा-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सौदा (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
जमीं के सितारे (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
बेहतर दुनिया के लिए (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
मेला (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
You may also like:
चल अंदर
Satish Srijan
*हिंदी तो मेरे मन में है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
याद रखना कोई ज़रूरी नहीं ,
Dr fauzia Naseem shad
मैं तुझसे मोहब्बत करने लगा हूं
Sunil Suman
गिरिधारी छंद विधान (सउदाहरण )
Subhash Singhai
हर दिन एक नई दुनिया का, दीदार होता यहां।
Manisha Manjari
जंग लगी थी सदियों से शमशीर बदल दी हमने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"इम्तहान"
Dr. Kishan tandon kranti
झूठ का आवरण ओढ़, तुम वरण किसी का कर लो, या रावण सा तप बल से
Sanjay ' शून्य'
सुबह, दोपहर, शाम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
11, मेरा वजूद
Dr .Shweta sood 'Madhu'
मिट जाता शमशान में,
sushil sarna
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
😊 लघुकथा :--
*प्रणय*
जिज्ञासा
Neeraj Agarwal
ਉਂਗਲੀਆਂ ਉਠਦੀਆਂ ਨੇ
Surinder blackpen
3035.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बुरे वक्त में भी जो
Ranjeet kumar patre
कल रात
हिमांशु Kulshrestha
स्त्री:-
Vivek Mishra
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
प्रारब्ध का सत्य
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जग के का उद्धार होई
राधेश्याम "रागी"
*कभी नहीं पशुओं को मारो (बाल कविता)*
Ravi Prakash
पिता
Shashi Mahajan
बड़े मासूम सवाल होते हैं तेरे
©️ दामिनी नारायण सिंह
मुस्कराते हुए गुजरी वो शामे।
अमित
गीत मौसम का
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ये बेचैनी ये बेबसी जीने
seema sharma
जिन स्वप्नों में जीना चाही
Indu Singh
Loading...