Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jan 2021 · 2 min read

गौर से देंखो हम है यहाँ के थानेदार

अपने सभी पुलिस इंस्प्केटर दोस्तों के लिखी मेरी यह शानदार काविता उनकी देशभक्ति को प्रकट करने के लिये उनको मेरी अशोक सपड़ा की तरफ से समर्पित

गौर से देखों जरा हम है यहाँ के थानेदार
हिंदी अंग्रेजी हम बोलते बड़ी है फ्राटेदार
गौर से देखों………

भारत माता के हम सच्चे सपूत कहलाते
दुश्मन हमारे हमसे डरकर सदा थरथराते
कठिन ड्यूटी करने को सदा हम है तैयार
गौर से देखों………..

बंद करने आये बदमाशों का काला धंधा
हमको देख घोटालों में छाया इनके मंदा
शेरनी माँ भारती की पूजा करता ये बंदा
बढ़ो का आशीर्वाद मुझे बच्चों से है प्यार
गौर से देखों …………..

हाथ में लेकर के हम अपने तो लाठी डंडा
देश का नाम करेंगे रोशन उठा अपना झंडा
अपराधी हमको देख बन मुर्गी दे देतें हैअंडा
शरीफों के लिए शरीफ डाकू के लिए खूंखार
गौर से देखों ………

मान लों तुम आज भारत माँ के बेटे की बात
करलों हमसे दोस्ती करलों हमसे मुलाक़ात
बेखोंफ घूमोगे फिर चाहे हो घनी काली रात
तुमको भी तो हमसे है इतनी ही सी दरकार
गौर से देखों………..

आये सामने चाहें कोई कराची लाहौर के पीर
चीर के रख देंगे उनको जो मांगे हमसे कश्मीर
भूल कर खुद को उठालेन्गे हम अब शमशीर
ग़ाएंगे जोर से हम भारत माँ की जयजयकार
गौर से देखों…………….

पकिस्तां तू तो है हमारे लिए इक चिड़ियाखाना
तेरी औकात तो बस कश्मीर कश्मीर चिल्लाना
हम तो ठहरें बाघ पहनें हम तो चश्मा भी काला
चाल चलें हम चलता जैसे कोई हाथी मतवाला
तू तो है अपनी गुलाम मानसिकता का बीमार
गौर से देखों………..

मूझको देखके बन जायेगा तू तो भीगी बिल्ली
लहरा देंगे लाहौर तिरंगा तेरे ख्वाब रहेगी दिल्ली
बढ़ें ख्वाब पाले तूने तू तो पाक प्यारे शेखचिल्ली
डरतें नहीं हम चाहे आये कोई यहाँ अपनी सर्कार
गौर से देखों………..

हिम को बनाके निज हाथों से माँ भारती का ताज
करेगा हिदुस्तांन तुझपर अपना भी एक दिन राज
मेरी भारत माता को खुश देख तब मैं मुस्कुराऊँगा
भारत माता की जयकार के नारे मैं भी लगाऊंगा
तुझको करने आया में कान खोंल सुनलें खबरदार
गौर से देखों………..

कोई यहाँ मराठी गुजराती तो कोई है राजस्थानी
भड़क उठे तेरी हरकतें देख कर राजा और रानी
हमारे फौलादी वीरों की यहाँ बड़ी अमर कहानी
हमने तो तुझको अब इतिहास बनाने की है ठानी
अब जंग मिटाना हमको अपने लेकर के हथियार
ग़ौर से देखों ………..

दे देंगे तुझ पागल पड़ोसी को बिजली के झटके
युद्ध हमारा सर्जिकल होगा थोड़ा सा अब हटके
हरी भूमि हमारी हम थे इसके सीधे साधे लोग
तेरी नापाक आतंकी हरकत बनी भयानक रोग
वीर शिवाजी की तरह युद्ध होगा अब छापेमार
ग़ौर से देखों ………

अशोक सपड़ा की कलम से दिल्ली से
9968237538

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 587 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

बांते
बांते
Punam Pande
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
बड़ी ही शुभ घड़ी आयी, अवध के भाग जागे हैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"आरजू"
Dr. Kishan tandon kranti
17. Eat Right
17. Eat Right
Ahtesham Ahmad
नारी
नारी
राकेश पाठक कठारा
यथार्थ में …
यथार्थ में …
sushil sarna
पियार के रेल
पियार के रेल
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अनुरोध किससे
अनुरोध किससे
Mahender Singh
सकारात्मक सोच
सकारात्मक सोच
Dr fauzia Naseem shad
यूं सरेआम इल्ज़ाम भी लगाए मुझपर,
यूं सरेआम इल्ज़ाम भी लगाए मुझपर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो ख़ुद हीे शराब-ए-अंगूर सी महक रही है ,
वो ख़ुद हीे शराब-ए-अंगूर सी महक रही है ,
Shreedhar
" नैना हुए रतनार "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
स्वाभाविक
स्वाभाविक
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
TAMANNA BILASPURI
अपने आप से भी नाराज रहने की कोई वजह होती है,
अपने आप से भी नाराज रहने की कोई वजह होती है,
goutam shaw
दिल का मौसम
दिल का मौसम
Minal Aggarwal
व्यथा हमारी दब जाती हैं, राजनीति के वारों
व्यथा हमारी दब जाती हैं, राजनीति के वारों
Er.Navaneet R Shandily
खुद से भाग कर
खुद से भाग कर
SATPAL CHAUHAN
4207💐 *पूर्णिका* 💐
4207💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
इम्तिहान
इम्तिहान
AJAY AMITABH SUMAN
बनोगे मेरे
बनोगे मेरे
sheema anmol
इंतजार बाकी है
इंतजार बाकी है
शिवम राव मणि
बड़ी मजबूरी है दिल की,
बड़ी मजबूरी है दिल की,
Kanchan Alok Malu
ज़िन्दगी एक प्लेटफॉर्म
ज़िन्दगी एक प्लेटफॉर्म
Shailendra Aseem
■ मी एसीपी प्रद्युम्न बोलतोय 😊😊😊
■ मी एसीपी प्रद्युम्न बोलतोय 😊😊😊
*प्रणय*
*डॉ अर्चना गुप्ता जी* , मुरादाबाद(कुंडलिया)*
*डॉ अर्चना गुप्ता जी* , मुरादाबाद(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मां
मां
Shutisha Rajput
मर जायेगा
मर जायेगा
पूर्वार्थ
दलित साहित्य / ओमप्रकाश वाल्मीकि और प्रह्लाद चंद्र दास की कहानी के दलित नायकों का तुलनात्मक अध्ययन // आनंद प्रवीण//Anandpravin
दलित साहित्य / ओमप्रकाश वाल्मीकि और प्रह्लाद चंद्र दास की कहानी के दलित नायकों का तुलनात्मक अध्ययन // आनंद प्रवीण//Anandpravin
आनंद प्रवीण
चुनावी युद्ध
चुनावी युद्ध
Anil chobisa
Loading...